नभ का एक तारा Geeta kumari 3 years ago नभ में एक तारा टूटा, और धरा पर तार। चाॅंदनी मद्धम हुई, चाॅंद हुआ लाचार। कभी दिखता कभी छिप रहा है, नभ के उस तारे को, चाॅंद ढ़ूंढ़ रहा है। वह सच्चाई थी या, था कोई बुरा स्वप्न चाॅंद गगन में घूम-घूम कर, सोच रहा है॥ ____✍गीता