निकल जाऊंगा राही अंजाना 6 years ago सोंचा नहीं था समन्दर के इतना किनारे निकल जाऊंगा, जिनसे डरता था उन्हीं लहरों के सहारे निकल जाऊंगा, जहाँ बनाता ही नहीं बह जाने के खौफ से रेत के मकाँ कोई, वहीं शौक से किरदार को अपने यूँही जमाकर निकल जाऊंगा॥ राही (अंजाना)