निश्छल Suman Kumari 4 years ago नदी नाम है अविरल बहती जलधारा की त्याग, गतिमय, अवगुण-गुण का भेद मिटाने की कश! हममें भी यह सब आ जाए अपना चित भी तरनी से निश्छल हो जाएँ