पुलकित हुआ तन Satish Chandra Pandey 3 years ago मनोहर शाम है छितरे हुए हैं व्योम में घन टपकती बूँद के अहसास से पुलकित हुआ तन। लग रहे हैं बहुत खुश पेड़-पौधे उग रहे हैं अनेकों बीज दे रहा भानु उनको ताप गगन भी दे रहा है सींच।