सीतापुरिया अवधी
रचना = “हमरी तऊ पुलिस दरोगा भऊजी”
अउरेन की भऊजी जेलि करउती,
हमरी तऊ पुलिस, दरोगा भऊजी।
दिनु भरि स्वावईं अईसी-वईसी,
पहरा राति लगावई भऊजी।
भईया बाहेर तानाशाह बनति हँई,
उँगरिन नाचु नचावई भऊजी।
सीधी-साधी जेलि करउती,
हमरी तऊ पुलिस, दरोगा भऊजी।
कबहूँ हंसावई कबहूँ रोवावँई,
कठपुतली तना नचावँई भऊजी।
सास क त्वारँईं, नंद कच्वाटँई,
सब पर धाक जमावँई भऊजी।