****”लघु हास्य-रचना****
कोरोना के कारण,
प्रतियोगिता की पराकाष्ठा हो गई
अभी तक तो परीक्षा तक ही थी सीमित,
अब तो शादी-ब्याह तक भी ही गई
मेहमानों की संख्या सीमित हुई पचास तक,
ऐसा कभी ना हुआ आज तक
दावत खाने के लिए भी,
टॉप पचास में रहना होगा
*****✍️गीता