“प्रेम रूपी कल्पवृक्ष” Pragya 3 years ago तेरे नैनों से प्रेम की बरसात हो गई लड़ झगड़ के देखो मेरी रात हो गई प्यार में हार गए हम सौ दफ़ा क्या करें अब तो जमानत भी जप्त हो गई सावन में बौर आया लद गया हर वृक्ष मैं प्रेम रूपी कल्पवृक्ष का अवतार हो गई।।