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फेल रिजल्ट

कविता -फेल रिजल्ट
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आज सारे,
ख्वाब टूट गए,
कभी सोचते थें,
जो बैठ टहल कर,
वो आज सारे ख्वाब टूट गए,
मत भरोसा करो,
इतना किसी पर,
काम पूरा ना होगा,
तो जमाना हसे
सदा तुम्हीं पर,
कल जिसे देखकर,
नाज करते थें,
रहें सलामत,
दुआ करते थें,
फोन पर उसकी छीक सुनकर,
नींद हराम होती आवाज सुनकर,
उसे गर्म पानी पिने की-
सलाह दिया करते,
देशी दवा करने की,
बात किया करते,
अदरक गुण की
चाय बना लेना,
मम्मी से फोन करके,
काढ़ा बनाने की
विधि जान लेना,
रहें तुम्हारी जैसी भी हालत,
हर समय की ,
खबर देते रहना,
आखिर दिया नही क्या उसे,
क्या कमी रखा, बताएं मुझे,
अरे….
उसे ऐसे सभाला ,
जैसे – माँ बच्चें को,
कुम्हार कच्चे घड़े को,
डाक्टर रोगी को,
ड्राइवर स्टेरिंग को,
तांत्रिक मंत्र को,
सपेरा बीन को,
माली फूल को,
सभाला बहुत उसे,
वह मुझे दर्द दिया,
हाथों में फेल का
रिजल्ट दिखा,
क्या कहूं उसे,
साथ रखूं उसे,
या छोड़ दू उसे,
इस हाल पर ,
निकाल दू उसे-
अपने अब ख्याल से,
ना उसके उपर तरस खाऊं,
किसी भी बात से,
मुझे जितना निभाना था,
निभा चुका हूं-
अब करें अपना गुजारा,
किसी भी राह से,
अब बस इतना ही काम करुगा,
करु अपने लिए दुआ,
उसे भी याद करुगा
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**✍ऋषि कुमार ‘प्रभाकर’

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