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बना इश्क उतारा रूह में

जाम से मिलते ही मचलती शराब जैसे

मयकदे में झूमते हो बेखुद मयकश जैसे

कुछ यूँ ही बेखबर सा हो गया हूँ जगसे

बना इश्क उतारा रूह में तूने अपनी जबसे  

                                          …… यूई

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