Site icon Saavan

बहुत याद आते हैं

बहुत याद आते हैं,
वो गुजरे हुए पल।

वो तुम्हारे खत का इंतजार।
हर पल मिलने को बेकरार।
गलियों में घुमना बनकर आवारा,
पाने को एक झलक का दीदार।

बहुत याद आते हैं।

तुम्हारे मिलने का वादा।
बेकरारी बढ़ाती और ज्यादा।
मिलने के बाद तुमसे,
ना जाने देने का इरादा।

बहुत याद आते हैं ।

बेपरवाह थे, क्या कहेगा जमाना।
फिर भी छुप कर मिलना मिलाना।
छिपकर मिलने का अलग मजा था,
हर जुबां पे था बस हमारा फसाना।

बहुत याद आते हैं।

जुबां से बगैर कुछ भी कहे।
हाले-दिल बयां करती निगाहें।
वो शरमा कर पलकें झुकाना,
गले में डाल कर अपनी बाँहें।

बहुत याद आते हैं ।

गुजरे वक्त लौट कर नहीं आते।
हसरत है, ये भलीभाँति जानते।
जहाँ मैं तुम्हारा दिवाना, तुम मेरी चाहत,
फिर से वो पल हैं जीना चाहते।

बहुत याद आते हैं।
वो गुजरे हुए पल।

देवेश साखरे ‘देव’

Exit mobile version