बुरा ना मानो होली है!
जोगीरा सा रा रा,
होली आई, होली आई.
बीत गयी बसंत, लौटी है फिर से फागुन के होली की उमंग.
भांग पीकर सब ऐसे मस्त पडे़ है,
जैसे दुनिया के सारे रंजोगम से बेखबर लग रहे है.
बच्चों की टोली आई,
रंगों के साथ खुशियाँ लाई.
कि
कई मीठे पकवान बने हैं,
बड़े तो बड़े दादाजी भी झूम रहे हैं .
याद आ गई बचपन की वो बातें,
पिचकारी में भरके रंगों को दूसरों पर उड़ेलना .
और दूसरों का