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बेटी घर की रौनक होती है

बेटी घर की रौनक होती है
बाप के दिल की खनक होती है
माँ के अरमानों की महक होती है
फिर भी उसको नकारा जाता है
भेदभाव का पुतला उसे बनाया जाता है
आओ इस रीत को बदलते है
एक बार फिर उसका स्वागत करते है

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