ए दिल! गम ना कर
मिल ही जायेगी मज़िल।
यूं मायूस हो जाना अच्छी
बात नहीं ।
कितने कदम रोज़ चलती हूँ
तेरी और,
तुम उतना ही दूर
नज़र आती हो
ये तो अच्छी बात नहीं
हौंसला बुलंद है अपना
पाही लूंगी तुम्हें
तुम रोज़ रुलाती हो
अच्छी बात नहीं ।
तुम्हे पाना ही मेरा
फ़ितूर है मेरा
जब तक तुम नहीं
मिल जाती हो
जीने को जीते हैं
हंसने को हँसते हैं ।