मुक्तक-पुष्प की अभिलाषा Manoj 8 years ago पुष्प की अभिलाषा -(एक मुक्तक) …………………………………………….. टूट कर शाख से शायद बिखर गया होगा कुचल कर और ओ गुल निखर गया होगा | जिसके जज्बे में वतन पे शहीद था होना मुल्क के वास्ते मर कर ओ तर गया होगा || उपाध्याय…