मुक्तक-मनहरण घनाक्षरी Manoj 8 years ago अनुभव कंटक-जालों का बस उसी पथिक को होता है जिसका चरण अग्निपथ चलकर कभी जला होता है | मखमल और कंचन पर सोने वालों पता तुम्हें क्या है जीवन सच में आतप अंधड़ में जीने वालों का होता है || उपाध्याय…