मुक्तक Mithilesh Rai 5 years ago मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख़्म को तेरा ठुक़राना याद है। ख़ींच लेती है तलब मुझको पैमाने की- हर शाम साक़ी को मेरा आना याद है। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय