Categories: मुक्तक
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मुक्तक
मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख्म को तेरा ठुकराना याद है। लबों को खींच लेती है पैमाने की तलब- हर शाम साक़ी…
गांव आना चाहता हूं
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मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ
कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
ख़ुदा बंदे से
यह ज़िंदगी दी है तुझे, कुछ कर आने के लिए मेरी इस दुनीया को, कुछ और सजाने के लिए यह ज़िंदगी दी है तुझे, जीने…
,👏👏
वाह
वाह
Bahut khub
वाह
Good
Nice lines