मुस्कान बांधे जा रही है Satish Chandra Pandey 3 years ago तेरी मुस्कान बांधे जा रही है , हमें ……….. जिंदगी की डोर बनकर रंगीन सुतली की तरह, लिबास की बैल्ट समझ ले या फिर आजकल का इलास्टिक रम गई है उस तरह तू जिस तरह से जिंदगी में घुलमिल गया है प्लास्टिक, ………. डा0 सतीश पाण्डेय, चम्पावत