Site icon Saavan

मेरे राम

मेरे राम मेरे प्रभू,
आज्ञा हो तो मै कुछ कहूँ,
कहने को तो कई बाते है मन मे,
मन विचलित है,
कोतुहल मचा है जीवन मे |
पीड़ा बहुत है,
कई बीमारी है इस तन मे,
पीड़ा तो तुम्हे भी हुई होगी,
जब कष्ट झेलते भटके वन मे |
बस इतना कहना चाहता तुमसे,
माँ मिली है मुझे कर्म से,
माँ के कष्ट मुझे दे देना,
जब भी वो कराहे दर्द मे |

Exit mobile version