तुम अपने हाथों क़ी मेहंदी में
मेरा नाम लिखती थी और
मैं अपनी नज्मों में तुम्हे पुकारता था
लेकिन मोहब्बत की बातें अक्सर किताबी होती हैं
जिनके अक्षर
वक़्त की आग में जल जाते हैं
किस्मत के दरिया में बह जाते हैं
तुम्हारे हाथों की मेहंदी से मेरा नाम मिट गया
वह तुम्हारी मोहब्बत है
लेकिन
मैं अपनी नज्मों से तुम्हें जाने न दूंगा
ये मेरी मोहब्बत है ।