यह क्या हो गया Praduman Amit 4 years ago यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ नकाब ही नकाब है। यह कैसा मातम आज शायरो पे आया है।। ना नज्म है ना ग़ज़ल है ना नातशरीफ है। मौसम भी कुछ कुछ शायरों से ख़फा है।। गुलशन में भी गुल खिलना भूल गया है । ए नकाब इतनी कयामत भी अच्छी नहीं है।।