यादें NIMISHA SINGHAL 5 years ago साज़ …….. बुझती… बंद होती.. यादो की मोमबत्तीयाँ…. दे जाती हैं याद… आज भी मधुरिमा। याद रह जाते हैं …कुछ शब्द…गूंज बनके… कहकहे हवाओं में गूँजते हैं साज़ बनके।। निमिषा …….।