या रब्ब दुश्मनों को सलामत रखे सदा

या रब्ब दुश्मनों को सलामत रखे सदा
न जाने कब आरज़ू क़त्ल की मचल जाये
राजेश’अरमान’

Related Articles

Responses

+

New Report

Close