युद्ध से एक सैनिक घर आया,
बिटिया को द्वारे पर पाया।
एक हाथ में थैला था उसके,
दूजा पीठ पीछे छिपाया।
पांच साल की छोटी बिटिया के,
चेहरे पर आई मुस्कान।
उसने सोचा पापा के हाथ में,
खाने-पीने का है कुछ सामान।
चाॅकलेट, टाॅफी, बिस्किट सब कुछ,
उसके ख्वाबों में आया।
पीठ पीछे भाग कर आई,
तो पापा का एक हाथ नहीं पाया।
जंग में उसके पापा ने ,
अपना एक हाथ गॅंवाया था।
रोई पापा के गले मिल,
उसको चैन न आया था।
आंखें भर आई सैनिक की,
गले लगाकर बिटिया से बोला वो,
जंग जीत कर आया हूॅं बिटिया
हाथ देखकर तू ना रो।
सही सलामत देख पति को,
उसकी पत्नी आंखों में आंसू ले मुस्काई थी
जंग जीत कर आया साजन,
यही सोच हर्षायी थी॥
_____✍गीता