नींदों की सरगोशी और
रात के उजाले
यही तो हैं मेरे जीवन के साथी
मेरे एकाकीपन के सहारे
जिनकी संगत में
जिंदगी का एक-एक दिन कट जाता है
जैसे आसमान के आगोश में चांद आराम पाता है
सितारों की झिलमिल चादर को ओढ़कर सोती हूं
सुबह सूरज की किरणों से अपना मुंह धोती हूं।।