लफ़्ज ढूढ रहे है बसेरा तबाही में कहीं Panna 8 years ago है हर तरफ़ शोर तबाही का गुमराह है रूह, दबी हुई सी कहीं डूब गया है सूरज उम्मीद का लफ़्ज ढूढ रहे है बसेरा तबाही में कहीं