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वर्तमान ही जिंदगी है

दुखी वही है
जिसका वर्तमान खोया है
कल जो बीत गया
कल जो आने वाला है
दो कल के अदृश्य महलों में
मन विचरता रहता है
मन कितना निष्ठुर है
खुद देख लो, दो कल के बीच
वर्तमान को देखने की इच्छा ही नहीं करता
हम वर्तमान में जीते हैं
हमारा मन तो कल के नाव में सवार है
यही हमारे दुखों का कारण है
आज को देखो कोशिश करो
कि तुम्हारा मन आज को देखें
हर जतन करो वर्तमान में मन का वास हो
क्योंकि वर्तमान ही तन की खुशी है
वर्तमान ही संपूर्ण जिंदगी है
जो हाथ से फिसल गया
जो अपने हाथ में है नहीं
हम उन में उलझ कर
कष्टमय जीवन जीने के आदी हो गए हैं
ना भूत बदल सकते हो
ना भविष्य पकड़ सकते हो
वर्तमान तुम्हारा है अवहेलना मत करो
जिंदगी वहां है, जहां तुम जीते हो
वर्तमान सवांरो वर्तमान से प्यार करो
वर्तमान ही भविष्य की बुनियाद है
वर्तमान हमारा है
हम वर्तमान में जीते हैं
आओ दोनों हाथों से
जी भर कर खुशियों को समेत ले
खुद भी जिए औरों को भी
जीने का हक दे
हमारे इर्द-गिर्द जो मंडरा रही हैं
बच्चों की किलकारी वही तो खुशी है
जी लो जी भर कर जिंदगी क्योंकि
वर्तमान ही जिंदगी है।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

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