Site icon Saavan

वर स्वरुप में बमबम : अनुदित रचना

वर स्वरुप में बमबम
मालतीमालया युक्तं सद्रत्नमुकुटोज्ज्वलम्।
सत्कण्ठाभरणं चारुवलयाङ्गदभूषितम्।।
वह्निशौचेनातुलेन त्वतिसूक्ष्मेण चारुणा।
अमूल्यवस्त्रयुग्मेन विचित्रेणातिराजितम्।।
चन्दनागरुकस्तूरीचारुकुङ्कुमभूषितम्।
रत्नदर्पणहस्तं च कज्जलोज्ज्वललोचनम्।।
. भाषा भाव
मालती बड़ माल शोभित,रत्न मुकुट बड़ चमचम। कंगन बाजूवन्द मनोहर,हार गला में दमदम।।
अगर लेप तन चंदन केशर,रेख त्रिपुण्ड ललाट में साजल। वसन अनूप रुप मनमोहक,नलिन नयन नव काजल।।
कस्तूरी कुमकुम कें टीका,हाथ आरसी चमचम।।
देख विनयचंद महादेव को,वर स्वरुप में बमबम।।

Exit mobile version