सच का समन्दर राही अंजाना 8 years ago सच के समन्दर में झूठ की कश्तियाँ डूबती नज़र आती हैं, जहाँ तलक नज़र जाती है बस सच की कश्तियाँ नज़र आती हैं, बढ़ते झूठ के सुनामी हैं कई सच की बस्तियाँ गिराने को, मगर बह जाती हैं झूठ की बस्तियाँ सारी बस सच की बस्तियाँ तैरती नज़र आती हैं॥ राही (अन्जाना)