सजायाफ्ता हूँ मैं उस जुर्म का साहिल। जिसे किया किसी ने और जिया किसी ने।।

सजायाफ्ता हूँ मैं उस जुर्म का साहिल।
जिसे किया किसी ने और जिया किसी ने।।

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