सावन स्पेशल Ashmita Sinha 5 years ago बदरा घिर घिर आयी देखो अम्बर के अंसुअन बरसे है कोई न जाने पीर ह्रदय की पी के मिलन को हिय तरसे है यह मधुमास यूँ बीत न जाये नैनों से झरता सावन है जब से पत्र तुम्हारा आया भीगा भीगा सा तन मन है