सॉझ को आखिर सुख का सवेरा कब तक लिक्खूं Arya Harish Koshal Puri 8 years ago सॉझ को आखिर सुख का सवेरा कब तक लिक्खूं ! उजियारे को घोर अंधेरा कब तक लिक्खूं !! चारो तरफ है घोर निराशा फिर भी आशा लिख देता हूं ! सारे सुखों पे दुःख का डेरा कब तक लिक्खूं !!