हरसिंगार NIMISHA SINGHAL 3 years ago हरसिंगार ———– रात भर महकता, संवरता करता इंतजार, तड़प कर बिखर जाता धरा पर …. होकर बेकरार। खिल जाती धरा, मुस्कुराकर कहती आओ केसरिया बालम हरसिंगार!