Site icon Saavan

हर दम रहें वो अच्छे

कैसे हो पूछता हूँ
कहते हैं खूब अच्छे
हर बार पूछता हूँ,
कहते हैं खूब अच्छे।
भीतर का दर्द जो है
वो भी बता न पाए
हम भी न पूछ पाये
बस बोल बोलने हैं
दो बोल बोल आये।
कैसे हैं क्या पता वो
ज्यादा न पूछ पाये।
दायरे बने हैं सबके
दायरे में हम घिरे हैं,
बस मन से चाहते हैं,
हर दम रहें वो अच्छे।

Exit mobile version