कैसी है ये दरिन्दगी?
हाथरस की बेटी संग जो
होता है कुकर्म उसे
जनता से छुपाया जाता है..
मीडिया की आवाज को
आखिर क्यों दबाया जाता है…
पहुँचते हैं कुछ राजनीतिक दल
राजनीतिक रोटियाँ सेंकने
आखिर गैंग रेप को क्यों
मुद्दा बनाया जाता है..
कानून के रखवाले ही करते है
कानून का भक्षण
पीड़िता के शव को क्यों आखिर
आधी रात जलाया जाता है..
यह कहाँ का न्याय है
आखिर क्या घोटाला है ?
इतनी पुलिस थी क्यों तैनात वहाँ
दाल में लगता कुछ काला है..
यदि इतनी ही पुलिस सतर्क
होती तो क्यों हाथरस की
बेटी मरती
आखिर किन सबूतों को
चुपके-चुपके मिटाया जाता है…