अंतरनाद हो रहा देखो
प्रकृति में चहुं ओर
नित नवीन गुंजन उठे
बादल उठे घनघोर
ढोल मृदंग बज रहे सब
अप्सराएं भी गुणगान करें
राम ने अवध में जन्म लिया
हर्षित है पूरा लोक।
अंतरनाद हो रहा देखो
प्रकृति में चहुं ओर
नित नवीन गुंजन उठे
बादल उठे घनघोर
ढोल मृदंग बज रहे सब
अप्सराएं भी गुणगान करें
राम ने अवध में जन्म लिया
हर्षित है पूरा लोक।