Site icon Saavan

अधूरे हैं

तुम्हारे होंठों की सरगम बिन
मेरे गीत अधूरे हैं।
मेरी नजरों से रहते दूर तुम
मेरे प्रीत अधूरे हैं।
तुम्हें खोकर सारी दुनिया जीतूँ
मेरे जीत अधूरे हैं।
‘विनयचंद ‘ वफा के बिन
मनमीत अधूरे हैं।।

Exit mobile version