Site icon Saavan

अपनों में बेगाना

मैंने तुझे जितना समझाया
तू क्यों उतना बिफरता गया

तुझे राह सच की दिखाई जो
तू क्यों फिर भी बिगड़ता गया

तुझे सुलझाने की कोशिश की
तू क्यों उतना उलझता ही गया

क्या वजह है तेरी नाराज़गी की
जो जुदा तू सबसे यूँ होता गया

आ अपने दिल की बात कहले
अब अपनों में ना रह यूँ गुमशुदा
©अनीता शर्मा
अभिव्यक्ति बस दिल से

Exit mobile version