मैय्या मुझको हबीब गुलाल,
रंग भरी पिचकारी दिला दे।
होली के अवसर पर मैय्या,
मुझे मेरी राधे से मिला दे।।
सखाओं संग झुंड बनाकर,
होली खेलने जाऊंगा।
पहले सखाओं फिर राधे को,
रंगों से खूब निहलाऊंगा।।
नहीं लल्ला इस होली पे,
सरकारी फरमान आया है।
कोरोना सड़कों पर घूम रहा,
वो मौत का सामान लाया है।।
भीड़ से संक्रमण फैल रहा,
यही संदेशा आया है।
इस होली घर ही रह लल्ला,
यही पैगाम आया है।।
फिर मैय्या नन्दबाबा से कहकर,
अपने गांव में चुनाव करा दे।
या फिर दिल्ली बोर्डर जैसा,
किसानों सा आंदोलन करा दे।।
चुनाव, आंदोलन की भीड़ में मैय्या,
कोरोना फटक भी नहीं पा रहा।
चाहे तो मैय्या राधे संग मेरा,
पश्चिम बंगाल का टिकट करा दे।।
मैय्या मुझको हबीब गुलाल,
रंग भरी पिचकारी दिला दे।
होली के अवसर पर मैय्या,
मुझे मेरी राधे से मिला दे।।