घनी काली
चाँदनी रात
जैसे हो रही
तारों की बरसात
महकाती गुज़रती
ये ठंडी हवा,
नींद के आगोश में
है सारा जहाँ,
ये रात क्या
कह रही है,
क्या किसी ने
उस नज़्म को सुना,
शायद कह रही है
वो अलविदा
घनी काली
चाँदनी रात
जैसे हो रही
तारों की बरसात
महकाती गुज़रती
ये ठंडी हवा,
नींद के आगोश में
है सारा जहाँ,
ये रात क्या
कह रही है,
क्या किसी ने
उस नज़्म को सुना,
शायद कह रही है
वो अलविदा