अल्फाज कहां से लाऊं?

दिल में छिपे जो जज्बात है उनके लिए अल्फाज लाऊं कहां से?

खुरेडे जा रहे जो मेरे दिल को अंदर ही अंदर उन्हें बयान करने के लिए अल्फाज लाऊं कहां से?

ज़िक्र करे भी तो किस्से करे
जो सुनते उनके पास वक्त नहीं और हर किसी से बता सकुन ऐसे अल्फाज लाऊं कहां से?

ये चुप सा लेहजा हमेशा से नहीं था हमारा,
पर तुम्हें हर बात दिल खोल के बताने के लिए अल्फाज लाऊं कहां से?

बीती बातें एक बार दिल खोल के बोलनी है लेकिन उनके लिए भी अल्फाज कहां से लाऊं?

कि ख्यालो में कह चुके है सब तुमसे लेकिन सामने से कहे ऐसे अल्फाज कहां से लाऊं?

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. प्रस्तुत की गई शेरों और पंक्तियों की प्रभावशाली एवं व्यापक अवधारणाओं के साथ आपने अपनी भावनाओं को शानदार ढंग से व्यक्त किया है। इन रचनाओं में एक मधुर संगीत है, जो आपके अंतर्मन के आपात और गहरे भावों को व्यक्त करने का एक अद्वितीय तरीका है। ध्यान देने वाली अपार संवेदनशीलता और विचारशीलता से भरी हुई ये शेरों की पंक्तियाँ, मनोहारी हैं और रीती के साथ आपके विचारों को साझा करने का एक अच्छा तरीका हैं।

+

New Report

Close