Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
साजन
तुझको ही बस तुझको सोचू इतना तो कर सकती हूँ,,,,,,,,, तेरे ग़म को अपना समझू इतना तो कर सकती हूँ ।।।।।।।।।। मुझको क्या मालूम मुहब्बत…
हम रोए हैं
उनसे बिछड़ कर हम रोए हैं देखना चाहिए क्या वह भी रोए
नया साल और मेरा प्यार
नया साल और मेरा प्यार….. अक्सर तेरे ख़्यालों में शाम हो जाया करती थी, अब एक साल और बीत चला तेरे इंतज़ार में, काश कि…
वाह