आँखों से बहता पानी
कहाँ एक सा होता है
कभी खुद के लिए रोता है,
कभी खुदा के लिए रोता है !
कभी कुछ पा के रोता है ,
कभी कुछ खो के रोता है !
कभी किसी की यादो मे रोता है ,
कभी किसी को याद करके रोता है !
कभी खतों मे रोता है ,
कभी ख़ता करके रोता है !
कभी आँखो से पानी टपकाकर रोता है ,
कभी दिल मे छुपकर रोता है !
रोता है जब भी दर्द का
अहसास कराकर रोता है !