आंसू राही अंजाना 6 years ago रहता है कहाँ है कहाँ घर तेरा, नाम आंसु से परिचय हुआ क्यों तेरा, ख़ुशी-ग़म का आँखों से रिश्ता तेरा, हर इंसा से नाता जुड़ा क्यों तेरा, समझ के रंग सा न किसी अंग सा, यूँ रूप पानी के जैसा बना क्यों तेरा॥ राही (अंजाना)