आओ दो बोल
सुना जाओ ना,
गीत के बोल
सुना जाओ ना।
हो गए दिन बहुत
सुना ही नहीं,
अपने उदगार
सुना जाओ ना।
सूनी सूनी सी फिजायें हैं अब
सारी मुरझाई दिशाएं हैं अब,
वो घनी रात थी वो बीत गई
वो कड़ी धूप थी जो बीत गई,
अब तो बारिश जरा सा होने लगी,
आपके बिन हँसी भी रोने लगी,
थाम लो आप अब कलेजे को
आओ दो बोल सुना जाओ ना
अपने उदगार सुना जाओ ना।