आजादी मुकेश सिंघानिया 8 years ago आजादी चंद सिरफिरे ही थे जो लेकर आये थे उसे फिर उनसे हाथ छुड़ा जाने कहां खिसक गई अब सुनते हैं कि ठहरी है रसूखदारो के यहाँ जो आ रही थी मुल्क में रास्ता भटक गई