आज अपनी बात करो
मेरी बात रहने दो
नींद नहीं है आती
एक अर्से से मुझे
जुल्फों में सुला लो
तहकीकात रहने दो
मुलाकातों के गुल
खिला लेंगे किसी और दिन
मुझे अपने ख्वाबों में
आज की रात रहने दो’..
यूँ तो तुम्हारी पायल
मेरी हर धड़कन में
झनकती है
मगर जाओ !
आज ऐसी बात रहने दो
बड़ा अंधेरा है
मेरे दिल की गलियों में साहब !
उजाले अपनी यादों के
मेरे साथ रहने दो…