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आज देखा फिर से उनको

आज देखा फिर से उनको
अजनबी से लग रहे थे,
बात तो कुछ की नहीं
लेकिन मजे में लग रहे थे।
वे तो हमसे दूरियां रख
दूसरों के हो लिए हैं,
हम निरी तन्हाइयों
खूब सारा रो लिए हैं।
जब भी उनको देखते हैं
याद आ जाते हैं पल
जिन पलों को आज हम
अपनी वफ़ा से खो दिए हैं।

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