आतंकवाद की जड़ को काटने की जरूरत है
जेल मे डालो या फांसी दो देखना नहीं मुहूर्त है
इसने इंसानियत को शर्मसार किया है
इंसान के अंदर छिपे ये शैतान की सूरत है
आतंकवाद की जड़ को काटने की जरूरत है
जेल मे डालो या फांसी दो देखना नहीं मुहूर्त है
इसने इंसानियत को शर्मसार किया है
इंसान के अंदर छिपे ये शैतान की सूरत है