आप आए बहार आई Praduman Amit 4 years ago जब लिखता था मैं, ग़ज़ल मयखाने में, तब सुबह से शाम हो जाया करता था। ए दोस्त जब वह आते थे सज धज कर, तब मेरी जान में जान आ जाया करता था।।